कहते हैं ना एक फल ऐसा है जो लोहे की गोली की तरह ताकत देता है और बुढ़ापे को जवानी में बदल देता है. जी हां, आज हम बात कर रहे हैं करोंदा (Karonda) की. ये छोटा सा फल किसी वरदान से कम नहीं है.
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करोंदा के फायदे (Benefits of Karonda)
- पाचन को दुरुस्त करे (Improves digestion): एक्सपर्ट्स कहते हैं कि करोंदा में पाया जाने वाला घुलनशील फाइबर पेट की lining को ठीक रखता है, जिससे पाचन क्रिया (digestion) अच्छी रहती है.
- मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक (Beneficial for mental health): करोंदा मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद होता है.
- सूजन कम करे (reduces inflammation): करोंदा में एंटी-इंफ्लेमेटरी (anti-inflammatory) गुण होते हैं.
- बुखार दूर करे (Relief from fever): करोंदा बुखार को कम करने में भी मदद करता है.
- वजन घटाने में कारगर (Effective in reducing weight): करोंदा वजन कम करने में भी सहायक है.
करोंदा की खेती (Farming of Karonda)
अगर आप सोच रहे हैं कि करोंदा की खेती कैसे की जाती है, तो ये भी जान लीजिए. करोंदा के पौधे की तैयारी बीजों से की जाती है. इसके लिए पके करोंदा के फलों से बीज निकालकर उन्हें नर्सरी में बोया जाता है. 65 से 70 दिन पुराने पौधों को पन्नी में पैक करके रोपाई के लिए तैयार किया जाता है. करोंदा के पौधे जुलाई और अगस्त के महीनों में लगाए जाते हैं. के बाद, 6 से 7 साल बाद इसमें फल लगना शुरू हो जाता है.
करोंदा की कमाई (Earnings from Karonda)
बाजार में करोंदा की काफी डिमांड रहती है. लोग इसे खरीदने के लिए एक जगह से दूसरी जगह भटकते रहते हैं. अगर आप इसकी खेती करते हैं तो आपको लाखों में मुनाफा होगा. अगर आप एक एकड़ में भी इसकी खेती करते हैं तो आपको 3 से 4 लाख रुपये का मुनाफा हो सकता है, जिससे आप बड़े पैमाने पर काम कर सकते हैं.